Antivirus Software Security Risks: आपका एंटीवायरस ही कर रहा है आपका डेटा लीक, जाने विस्तार से – TaazaTime.com

Antivirus Software Security Risks: आपका एंटीवायरस ही कर रहा है आपका डेटा लीक, जाने विस्तार से

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Antivirus Software Security Risks: आज जानेंगे ऐन्टी वायरस के बारे में जो की एक समय पे बहुत विवादित विषय हुआ करता था। ऐन्टी वायरस फ्री भी होते है, प्रीमियम भी होते हैं। ऐन्टी वायरस के फायदे क्या होते हैं, नुकसान क्या होते हैं? क्या आपके स्मार्ट फ़ोन या फिर कंप्यूटर के लिए एक ऐंटीवाइरस ज़रूरी है या नहीं? बात करते हैं ऐन्टी वायरस के बारे में तो ऐन्टी वायरस एक बेसिकली ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो आपके स्मार्ट फ़ोन या फिर कंप्यूटर में इन्स्टॉल किया जाता है।

और दावा करता है, वो ऐप या फिर सॉफ्टवेर या फिर आप उसे अगर दूसरे तरीके से फॉर एग्जाम्पल हार्ड्वेर बेस्ट सिक्योरिटी के तौर पर यूज़ करना चाहे तो वो भी कर सकते है। परंतु अभी हम सॉफ्टवेर पे फोकस करते है तो क्या फायदा होता है और क्या नुकसान होता है? क्योंकि कई लोग ये समझते हैं इन्फैक्ट ज्यादा तो लोग ये समझते हैं कि एंटीवाइरस अगर है तो आप आपके फ़ोन में है तो वो फायदा ही करेगा। किन्तु ऐसा नहीं है। ज्यादातर ऐंटीवाइरस दुर्भाग्यवश ऐसे हैं जो आपके फ़ोन या फिर कंप्यूटर में नुकसान करते हैं। इन फैक्ट वो खुद डेटा लीक करते हैं।

कई ऐसे उदहारण है जिसमें से जो क्लीनर और ऐन्टी वायरस नाम के ऐप्स आपके फ़ोन में इन्स्टॉल कराए जाते हैं और आपका फ़ोन के डेटा लीक करते हैं। सिर्फ इस नाम पे की वो आपके फ़ोन को वायरस से या मैलवेयर से बचा रहे हैं। तो फ्री वाले जीतने सारे होते है, उसमें 90% फेक होते हैं।

क्या होते है एंटीवायरस के नुकसान ? | Antivirus Software Security Risks

  • वो काम तो करते है, मतलब मैलवेयर से बचाते हैं और थोड़े बहुत जो पुराने वायरस होते हैं उसे बचाते हैं। किन्तु फुल प्रोटेक्शन नहीं देते और दूसरा जो सबसे खराब काम वो ये करते हैं कि आपके फ़ोन को या लैपटॉप को स्लो कर देते हैं क्योंकि जो प्रोसेसेस बैकग्राउंड में होता है कंप्यूटर या फ़ोन का वो कन्सम्शन काफी ज्यादा हेवी हो जाता है उस ऐप की वजह से उस सॉफ्टवेयर की वजह से इस वजह से आपका कंप्यूटर या फ़ोन स्लो फील होने लगता है। एक सबसे बड़ी परेशानी यह है।
  • दूसरी परेशानी यह है कि क्योंकि आप ऐन्टी वायरस इंस्टॉल करते हैं। फ़ोन और लैपटॉप में तो काफी सारे परमिशन देते हैं तो परमिशन आप समझते हैं। इसके बारे में आपको पता ही होगा की जितना ज्यादा परमिशन आप अपने फ़ोन या लैपटॉप का देंगे उतना ज्यादा डेटा आपके फ़ोन और लैपटॉप का रिस्क पे है तो ये दूसरा नुकसान हो गया।
  • तीसरे नुकसान के बारे में बात करें तो जो फ्री वाले एंटिवाइरस है वो बेसिकली आप में इस वजह से रन कर पाते हैं क्योंकि वो काफी सारे ऐड्स दिखाते हैं। पॉपअप ऐड दिखाते हैं तो जीतने सारे पॉप अप ऐड पे क्लिक करते हैं। उनमें से कई सारे मालवेरस ऐड होते हैं। जिसपे क्लिक करने के बाद हो सकता है की आपके लैपटॉप को कोई रिमोटली कंट्रोल कर लें। ये बिल्कुल मैं बता रहा हूँ की आपको आपके फ़ोन या लैपटॉप को कोई रिमोटली कंट्रोल कर ले और वो ऐन्टी वायरस आपका फायदे के बजाय नुकसान कर दे तो यह भी एक नुकसान है।

क्या होते है एंटीवायरस के फायदे ?

फायदे की भी बात कर लेते हैं। फायदा यह है कि छोटे मोटे जैसे फॉर एग्जामपल आप पेन ड्राइव लगाते हैं तो उसका जो पुराने काफी वायरस होते है, पुराने वायरस से बचाता है क्योंकि नए हर दिन, हर मिनट, हर सेकंड पे वाइरस लिखे जाते हैं, बनाए जाते हैं, तैयार किए जाते हैं तो जो उस तरह के फ्रीवेयर ऐन्टी वायरस होते है वो उसके खिलाफ़ प्रोटेक्शन नहीं देते। प्रीमियम कुछ ऐंटीवाइरस है मार्केट में जो आपको फिर भी काफी हद तक वाइरस से बचाते हैं।

क्यों फ़ोन अपडेट करना जरुरी होता है ?

अगर आप स्मार्ट फ़ोन में एंटी वायरस डाल रहे हैं तो मेरा ओपिनियन ये है की वो अच्छी चीज़ नहीं होती है क्योंकि फ़ोन में कई सारे इनबिल्ट ऑलरेडी जो कंपनी होती है, स्मार्ट फोन्स कंपनियां होती है वो उसमें बेसिक लेवल की सेक्युरिटी वो मैलवेयर से हो या फिर वाइरस से हो, वो देते हैं क्योंकि आप नोटिस करेंगे तो हर महीने या हर हफ्ते सेक्युरिटी पे चेस दिए जाते हैं। इसी वजह से अपडेट मोबाइल के लिए जरूरी है, क्योंकि वो अपडेट इसी वजह से दिया जाता है क्योंकि नए वायरस होते हैं।

और उसके अगेन्स्ट में वो काम करते हैं। अगर आपको याद होगा तो विंडोज डिफेंडर पहले आता था वो इनबिल्ट आपके विंडोस में दिया जाता था बट उसके बावजूद लोग ऐन्टी वायरस इंस्टॉल करते थे, जो कि मेरे ख्याल से कोई बहुत अच्छी चीज़ नहीं होती है। उसी तरीके से मोबाइल में जैसे विंडोज में डिफेंडर दिया जाता था, उसी तरीके से मोबाइल में इनबिल्ट उस तरह के प्रोग्राम होते है जो छोटे मोटे वाइरस से बचाते हैं और बची खुची जो कसर होती है वो नए अपडेट्स पूरे कर देते है क्योंकि हर समय फ़ोन में अपडेट आते रहते हैं।

तो कुल मिलाकर बात यही है की ऐन्टी वायरस अगर आप फ़ोन या लैपटॉप में इन्स्टॉल करना चाहे तो वो प्रीमियम हों, पेड़ हों, कुछ पैसे अगर आप देंगे तो आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा क्योंकि ज्यादा फालतू के ऐड्स नहीं मिलेंगे और उनका रेवेन्यू मॉडल आपके पैसे से चलेगा। यानी आप पैसे देंगे तो आपको सर्विस मिलेंगे। अगर आप फ्री में उसे यूज़ करना चाहेंगे तो ज़ाहिर सी बात है उसके साथ और सारे नुकसान वाले ऐप्स या फिर आपके फ़ोन या लैपटॉप में आ सकते हैं। तो ऐन्टी वायरस के बारे में और भी बातें करेंगे। लेकिन अभी इतना बता दे रहा हूँ ऐन्टी वायरस अगर फ़ोन या लैपटॉप में डाल रहे हैं तो उसके पहले थोड़ी चीज़े जो है वो आप को ध्यान में रखनी चाहिए।

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By Krishna
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मैं कंटेंट राइटिंग (Content Writing) क्षेत्र में 3 साल से अधिक समय से कार्यरत हूँ। मैंने इस क्षेत्र में बायोग्राफी वेबसाइट से शुरुवात की थी। और आज में अपनी पूरी सेवा Taaza Time में दे रहा हूँ। मेरा काम है taazatime.com के माध्यम से भारत की जनता तक सही, उपयोगी, और लेटेस्ट खबरे पहुँचाना। ताज़ा टाइम का लक्ष्य ही है भारत को साफसूत्री और वास्तविक जानकारी प्रदान करना। धन्यवाद, वन्दे मातरम।
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