India Naam Hoga BHARAT: हमारे देश का नाम भारत और इंडिया दोनों ही है और बहुत से लोगों ने इंडिया नाम को हटाने का प्रयास भी किया है और सिर्फ देश का नाम भारत करने को कहा है परंतु अनुच्छे 1 में यह लिखा गया है कि “इंडिया दैट इज भारत” परंतु आपको हम बता दें कि कुछ सदस्यों का यह कहना है कि देश का नाम सिर्फ भारत होना चाहिए देश दो नाम से नहीं संबोधित होना चाहिए
इसका सिर्फ एक ही नाम होना चाहिए वह है भारत और यह अभी क्यों चर्चा में है यह भी इस लेख माध्यम से हम जानते हैं और मोदी सरकार इस मामले को लेकर आगे क्या करने वाली है यह भी इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे
देश का नाम इंडिया या भारत (India Naam Hoga BHARAT)
हमारे देश के दो नाम है पहले भारत और दूसरा इंडिया इन दोनों नाम से ही देश को संबोधित किया जाता है जो भी लोग इंडिया बोलना चाहते हैं वह यह नाम बोलते हैं और दूसरे वह लोग जो हमारे देश को भारत नाम से पुकारते हैं अब हम आपको बताते हैं कि यह मामला अभी क्यों चर्चा में है अभी वर्तमान में हमारे देश में G20 समिट होने वाला है और इसके निमंत्रण में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है
जबकि जब भी किसी देश को न्योता या निमंत्रण दिया जाता है तब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा जाता था और अब निमंत्रण दिया गया है यहां पर आने के लिए सभी देश को तो प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है इसलिए यह मामला अभी चर्चा में है तो चलिए जानते हैं मोदी सरकार देश के दो नाम नहीं बल्कि एक ही नाम रखेगी या नहीं और क्या होगा देश का नाम भारत या इंडिया
देश का नाम एक करने के लिए एक नहीं बल्कि बहुत से लोगों ने प्रयास किया है जब हमारे देश को आजादी मिली 1947 में तब हमारे देश का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा बनाई गई तब भी दो नाम को लेकर बड़ी बहस छिड़ी थी बहुत से लोगों ने देश का एक नाम रखने का प्रयास किया परंतु बाद में देश के दो नाम रखे गए और अनुच्छेद एक को बरकरार रखा गया इसके अंदर बताया गया है कि इंडिया दैट ट इज भारत
आपको बता दे की मोदी सरकार 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने वाली है और इस सत्र में अभी तक कुछ साफ नहीं है परंतु मोदी सरकार देश का नाम भारत करने वाली है इंडिया नाम को हटाने का बिल लाने का प्रयास कर रही है अभी तक यह साफ नहीं है परंतु ऐसा लग रहा है कि अब देश के दो नाम नहीं रहेंगे और देश का सिर्फ एक नाम ही रहेगा वह है भारत ।
इस बात को बाल इसलिए मिलता है कि जब जी-20 सबमिट के लिए राष्ट्र प्रमुखों को राष्ट्रपति की ओर से जब निमंत्रण भेजा जाता है तब उसमें प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है जबकि अब तक प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा जाता था अभी तक कुछ साफ नहीं है परंतु मोदी सरकार यह बिल ला सकती है
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