लड़को हो जाओ सावधान! किसी अनजान लड़की को ‘डार्लिंग’ बोला, तो जाना पड़ेगा जेल! – TaazaTime.com

लड़को हो जाओ सावधान! किसी अनजान लड़की को ‘डार्लिंग’ बोला, तो जाना पड़ेगा जेल!

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Ladki Ko Darling Bola To Hoga Jail: दोस्तों पूरे देश में लड़कियों को लेकर मामला काफी बढ़ता जा रहा है। देश में लड़कियां काफी असहज महसूस करती है। जब भी लड़कियां अकेली घर से निकलती है, तो उन्हें हमेशा डर लगा रहता है, कि कोई अनजान शख्स उन्हें छेड़ ना ले। साथ ही लड़की के मात-पिता को भी डर लगा रहता है, कि उनकी बेटी सही सलामत जल्दी से घर वापस आ जाए लेकिन अब सरकार इसके खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है। सबसे पहले भारत के कोलकाता में इसके खिलाफ एक्शन लिया गया है। आपको बता दूं कि अब लड़के सावधान हो जाइए। यदि आप किसी अनजान लड़की को डार्लिंग बुलाते हैं, तो अब आपको जेल जाना पर सकता है।

इसलिए लड़कियों को इज्जत देना शुरू कर दें! किसी सड़क पर चलती अनजान लड़की को डार्लिंग भूल से भी ना बुलाए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह एक कानून अपराध है। इसके लिए आपको जेल भी जाना पढ़ सकता है। आपको बता दूं कि कोलकाता में इसके खिलाफ एक नियम बना दिया गया है। यदि आप इस खबर को पूरा डिटेल में जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल के अंत तक बन रहे तो चलिए बिना किसी देरी की शुरू करते हैं।

किसी अनजान लड़की को डार्लिंग बोलना होगा कानूनन अपराध

आपको बता दूं कि हाल में ही कोलकाता के पोर्ट ब्लेयर में उच्च न्यायालय की सर्किट बेंच नेहाल में ही माना है कि किसी अनजान लड़की को डार्लिंग के रूप में संबोधित करना भारतीय दंडसंहता आईपीसी धारा 354 ए और 509 क तहत एक कानून अपराध है। न्यायमूर्ति जज सेनगुप्ता की अकालपीठ ने उसे आरोपी को सजा को बरकरार रखा जिसे नशे की हालत मैं महिला कांस्टेबल को डार्लिंग कहा था।

आगे उन्होंने कहा कि किसी अज्ञात महिला को चाहे वह पुलिस कांस्टेबल हो या नहीं। सड़क पर एक आदमी द्वारा चाहे वह शराब के नशे में हो या ना हो डार्लिंग शब्द से संबोधित करना स्पष्ट रूप अपमानजनक है, और यह शब्द अनिवार्य रूप से एक योन भद्र टिप्पणी है। किसी अनजान महिला के लिए इस तरह की शब्द का उपयोग करने वाले लोग एक दंडनीय अपराध कर रहे हैं। कम से कम अभी तक हमारे समाज में प्रचलित मानक ऐसे नहीं है, कि सड़क पर किसी पुरुष को अनजान अनजान महिलाओं के संबंध में ऐसी शब्द का उपयोग करने की अनुमति खुशी-खुशी दी जा सके।

कोलकाता हाई कोर्ट ने लिया फैसला

कोलकाता उच्च न्यायालय ने 5 मार्च से एकल न्यायाधीशों के रोस्टर को संशोधित क़िया है और न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय को शॉप पर गए मामलों की न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी की एकल पीठ को स्थानांतरित कर दिया है। इससे पहले न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा खंडपीठ के के एस्ट्रैगन आदेश की अनदेखी करने के कारण पैदा हुए विवाद के आलोक में मुख्य न्यायाधीश ने प्राथमिक शिक्षा के मामलों को अपनी पीठ से न्यायमूर्ति मंथ की पीठ को सौंप दिया था। और श्रम एवं औद्योगिक कानून के मामलों को न्यायमूर्ति को सौंप दिया गया था।

4 मार्च 2024 की अधिसूचना के अनुसार मुख्य न्यायाधीश ने अब श्रम और औद्योगिक कानून पर मामलों को न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी की पीठ को फिर से सौंप दिया है। इसके अलावा सभी एकलपीठों के क्रम संख्या को भी संशोधित किया है लाइव लो ने रविवार को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के टेलीविजन साक्षात्कार पर रिपोर्ट की थी, जिसमें न्यायाधीशने घोषणा की में घोषणा की थी कि वह कोलकाता उच्च न्यायालय में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीतिक के क्षेत्रमें प्रवेश करना करना चाहते हैं।

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