Face Recognition AI helped Up Police: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से यूपी पुलिस को काफी मदद मिली है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में 87 संदिग्ध नकलचियों को पकड़ा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग करके चेहरा पहचानना एक कंप्यूटरी तकनीक है जिसका उपयोग किसी छवि या वीडियो से किसी व्यक्ति या वस्तु की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह शिक्षण, संगणक यानि कम्प्यूटर विज़न एल्गोरिदम और इमेज प्रोसेसिंग सहित तकनीकों के संयोजन का उपयोग करता है। इन तकनीकों का उपयोग किसी सिस्टम को डिजिटल छवियों या वीडियो में चेहरों का पता लगाने, पहचानने और सत्यापित करने में सक्षम बनाने के लिए किया जाता आ रहा है। यह तकनीक स्मार्टफोन को अनलॉक करने, दरवाजे खोलने, पासपोर्ट प्रमाणीकरण, सुरक्षा प्रणाली, चिकित्सा प्रयोगों आदि जैसे विविध प्रकार के अनुप्रयोगों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। ऐसे मॉडल भी हैं जो चेहरे के भावों से भावनाओं का पता लगाने में सक्षम है।
एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से यूपी पुलिस को काफी मदद मिली है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित चेहरे की पहचान सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में 87 संदिग्ध नकलचियों को रंगेहाथों पकड़ा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा 11 संदिग्धों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। वहीं, दिल्ली से पास गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले में कुल 12 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
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AI की मदद से डमी छात्र पकड़े गए
गिरफ्तार किए गए लोगों में डमी यानी नकली पहचान वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं जिन्हें ‘सॉल्वर’ कहा जाता है। उन्होंने वास्तविक परीक्षाओं के स्थान पर नकली उम्मीदवारों को बैठाकर प्रशासन को धोखा दिया था और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) द्वारा ग्राम विकास अधिकारियों के रूप में भर्ती के लिए परीक्षाओं को पास करने के लिए फर्जी तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में, यूपीएसएसएससी ने परीक्षा की शुचिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए। परीक्षा से संबंधित सभी केंद्रों पर परीक्षा पर कड़ी निगरानी रखी गयी। कम से कम 87 डमी उम्मीदवारों (एक महिला सहित) को आयोग द्वारा उपयोग किए जाने वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित चेहरे की पहचान सॉफ्टवेयर का उपयोग करके और विशेष कार्य बलों और जिला और स्थानीय पुलिस प्रशासन के सक्रिय समर्थन और सहायता से पकडे गए है।”
सबसे ज्यादा नकलची लखनऊ से पकड़े गए
लखनऊ (11), बांदा (10), अलीगढ़ (8), कानपुर (8), वाराणसी (8), गाजियाबाद (7), गोरखपुर (6), आज़मगढ़ (5), गौतम बुद्ध में नकलची पकड़े गए। संदिग्ध..नगर (5), मिर्ज़ापुर (5), आगरा (4), झाँसी (4), बस्ती (2) और बरेली, मेरठ, प्रयागराज और मुरादाबाद में एक-एक डमी उम्मीदवार है। पुलिस ने कहा कि इन सभी मामलों में संबंधित जिलों में उचित कानूनी कार्रवाई चल रही है।
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