मैसेजिंग सर्विस WhatsApp ने भारत में फरवरी में 45 लाख से ज्यादा एकाउंट्स पर बैन लगाया है। वॉट्सऐप ने जनवरी में 29 लाख एकाउंट्स को बैन किया था। फरवरी में 12 लाख से अधिक वॉट्सऐप एकाउंट्स पर यूजर्स की ओर से किसी रिपोर्ट के मिलने से पहले रोक लगाई गई थी।
WhatsApp ने भारत में बैन किया 45 लाख से अकाउंट
Meta के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप की ओर से जारी मासिक रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी में 45,97,400 वॉट्सऐप एकाउंट्स पर बैन लगाया गया है। वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने बताया, “यूजर सेफ्टी रिपोर्ट में यूजर्स की ओर से मिली शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई के साथ ही वॉट्सऐप की ओर से अपने प्लेटफॉर्म पर उत्पीड़न से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी होती है। किसी पुराने मुद्दे के समान मानी जाने वाली शिकायत को छोड़कर हम सभी शिकायतों पर प्रतिक्रिया देते हैं।” पिछले वर्ष लागू किए गए कड़े IT रूल्स के तहत, 50 लाख यूजर्स से अधिक वाले बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को प्रत्येक महीने कम्प्लायंस रिपोर्ट प्रकाशित करनी होती है। इस रिपोर्ट में इन प्लेटफॉर्म्स को मिली शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी देनी होती है।
सोशल मीडिया ने क्या कहा कंपनी से
सोशल मीडिया कंपनियों को अपने सिस्टम पर नफरत फैलाने वाले भाषण, गलत जानकारी और फर्जी जानकारी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। ऐसी आशंकाएं व्यक्त की गई थीं कि ये सिस्टम एकतरफा सामग्री को हटाने के साथ-साथ कई ग्राहकों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। केंद्र सरकार ने शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) की व्यवस्था शुरू की थी।
इसमें सभी यूजर को एक पोर्टल पर सोशल मीडिया कंपनियों के विकल्पों के खिलाफ अपनी कार्यवाही दर्ज कर सकते हैं।WhatsApp पर अनचाही या जंक मेल कॉल्स की परेशानी जल्द दूर हो सकती है। दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले इस ऐप में एक फीचर लाया जा सकता है, जिससे ऐसी कॉल्स को साइलेंट किया जा सके।
यह मैसेजिंग सेवा पूरी तरह से स्मार्टफोन नंबरों पर आधारित है और कोई भी किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति का नाम ले सकता है, भले ही वह उसकी एड्रेस बुक में एक संकेत के रूप में संग्रहीत नहीं है। WABetaInfo, जो व्हाट्सएप पर नई क्षमताओं को ट्रैक करता है, ने कहा था कि व्हाट्सएप के नए बीटा संस्करण में एक फीचर के लिए कोड शामिल है जो उपयोगकर्ताओं को अज्ञात नंबरों से कॉल को चुप कराने की अनुमति देता है। हालाँकि, बिल्कुल नई सुविधा को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और यह विकासाधीन है।