Tomato Price Today : आज टमाटर की कीमत 120 रुपये प्रति किलो हो गयी है, जो एक हफ्ते पहले सिर्फ 40 रुपये थी। टमाटर का भाव 6 गुना बढ़ गया है। टमाटर के साथ साथ हरी सब्ज़ियों के दाम भी आसमान को चुने की रह पर है। मंगलावर को उत्तरप्रदेश में अधिक तर बाज़ारो में भिंडी 60 रुपये किलो बिकी है। सिर्फ आलू और प्याज के दाम ही दिल को राहत सेने वाले नजर आते है। चार दिन पहले तक परवल के दाम 60 रुपये थे और आज सीधे 100 रुपये हो गया है।
सबसे महंगा टमाटर गोरखपुर (यूपी) और बल्लारी
आधिकारिक मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए Tomato Price Today कीमतों के हिसाब से कल यानी मंगलवार को 122 रुपये किलो टमाटर गोरखपुर और बल्लारी में बिका। यह देश का टमाटर का सबसे महंगा दाम है। सबसे महंगा आलू कर निकोबार और चम्पाही में 50 रुपये किलो बिक्का तो बारां में 8 रूपए किलो। प्याज लुंगलेई, सीअहा में 60 रुपये किलो था तो नीमच, देवास, सिवनी में 10 रुपये। 27 जून को राष्ट्रीय स्टार पर टमाटर की औसत कीमत 46 रुपये किलो रही है।
क्या है दाम बढ़ने का कारन?
देश में अगर टमाटर की खेती और टमाटर उगाने वाले राज्यों के बारे में देखे तो देश में सबसे ज्यादा टमाटर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्णाटक और आंध्रप्रदेश में उगाया जाता है। टमाटर की मुख्य रूप से दो प्रकार की फसले होती है। एक अगस्त से सितंबर के बीच बोई जाती है और दूसरी फसल फरवरी से जुलाई के बीच तैयार की जाती है। अभी जो टमाटर बाजार में होना चाहिए वो फरवरी से जुलाई के बीच तैयार होकर बिकने वाली फसल है, लेकिन हरियाणा, राजस्थान, यूपी एमपी की फसल खराब होने से दाम अचानक से आसमान छू गए हैं।
टमाटर की खेती करने में किसानो ने रूचि नहीं दिखाई थी इस कारन पिछले महीने टमाटर काफी सस्ते दाम में बाज़ारो में उपलब्ध थे। पिछले साल की तुलना में इस साल टमाटर की फसलों की बुआई काम हुवी है। पिछले साल बीन्स की कीमते आसमान चुने के कारन कोलर में किसानो से इस वर्ष बीन्स की ही बुआई कर दी है। परन्तु, वर्षा न होने के कारन फैसले सुख गयी है। मई में टमाटर की कीमतों में भरी गिरावट थी। तब उसके दाम सिर्फ 3-5 रुपये प्रतिकिलो थे। कई किसानो ने तब फसलों को दाम न मिलने के कारन उस पर ट्रैक्टर चलकर फसलें नष्ट कर दी थी। महाराष्ट्र राज्य में टमाटर की कम खेती और ज्यादा मांग के कारन ओडिशा, पश्चिम बंगाल और यहाँ तक की बांग्लादेश से टमाटर निर्यात किये गए है।
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सरकार ने क्या कहा ?
इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रोहित कुमार सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि टमाटर की कीमतों में तेज वृद्धि एक अस्थायी समस्या है। “ऐसा हर साल इसी समय के आसपास होता है। वास्तव में, टमाटर एक खराब होने वाला खाद्य पदार्थ है और अचानक बारिश होने से भंडारण प्रभावित होता है,”।
कब कम होंगी कीमतें ?
किसानों ने निकट भविष्य में कीमतों में गिरावट की संभावना से इनकार किया है। वर्तमान में नारायणगांव के थोक बाजार में प्रतिदिन औसतन 24,000-25,000 क्रेट टमाटर (प्रत्येक में 20 किलोग्राम) आ रहा है – जो वर्ष के इस समय आने वाली 40,000-45,000 क्रेटों का लगभग आधा है। अगस्त के बाद ही आवक में सुधार होगा और खुदरा दामों में कोई सुधार देखा जा सकता है।