गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

जीवन की हर मुश्किल में, समाधान दिखाते हैं आप नहीं सूझता जब कुछ, तब याद आते हैं आप धन्य हो गया जीवन मेरा, बन गए मेरे गुरु जो आप

अक्षर ज्ञान ही नहीं, गुरु ने सिखाया जीवन ज्ञान गुरुमंत्र को कर आत्मसात हो जाओ भवसागर से पार।

गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना आत्मा नहीं, ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन है।

जीवन में दिया जो पहला ज्ञान उन गुरु को मेरा कोटि प्रणाम

गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना आत्मा नहीं, ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन है।

तुमने जो हमको दिया ज्ञान, है वही बढ़ाना सदा मान है देश धर्म की ये पुकार हे गुरु जी तुमको नमस्कार।