Maruti Wagon R Flex Fuel: मारुति भारतीय बाजार के लिए अपनी पहली फ्लेक्स फ्यूल कार को तैयार कर रही है, जो की गन्ने के रस पर चलने वाली है। मारुति की पहले गाड़ी एक कंपैक्ट गाड़ी होने वाली है, जिस की 2025 तक भारतीय बाजार में लॉन्च किए जाने की संभावना है।
मारुति लगातार भारतीय बाजार में बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों से अपने ग्राहकों को छुटकारा दिलाने के लिए इस प्रकार के ईंधन का निर्माण कर रही है, जोकि पेट्रोल से सस्ती भी हो और पेट्रोल के बराबर पावर भी जनरेट करती हो। मैं आपको बता दूं कि ऐसा करने वाली मारुति पहले कार निर्माता कंपनी नहीं है। पुराने जमाने में भी इस तकनीकी का प्रयोग कुछ गाड़ियों में किया जाता था।
Maruti Wagon R Flex Fuel
मारुति वेगनर फ्लेक्स फ्यूल को ऑटो एक्सपो में प्रस्तुत किया गया है, जो की मारुति सुजुकी की रेंज में एक काफी आकर्षक का केंद्र बनी हुई है। हालांकि कंपनी ने इससे पहले भी इसे दिसंबर 2022 में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स टेक्नोलॉजी (SIAM) में भी प्रदर्शित किया था। मारुति सुजुकी इसको स्थानीय इंजीनियरों के साथ स्वदेशी रूप से तैयार करने वाली है। यह कार 20% से 85% मिश्रित एथेनॉल इंजन पर चलने के लिए तैयार की जाएगी।
इसे वर्तमान 1.2 लीटर नेचरली एक्सेप्टेड पेट्रोल इंजन के साथ ही संचालित किया जाने वाला है। हालांकि इसके लिए इसके इंजन में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए जाएंगे, जिस कारण सही है एथेनॉल मिश्रित इंजन पर बेहतर तरीके से पावर प्रदान कर सकेगी। इसका साथी यह इंजन bs6 के लिए भी तैयार किया जाएगा और पांच स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ संचालित होगा।
मारुति सुजुकी का कहना है कि एथेनॉल इंजन पर आधारित मारुति वेगनर पेट्रोल संस्करण की तुलना में 79% तक कम प्रदूषण करने वाली है। जबकि इसका परफॉर्मेंस और पावर भी सामान पेट्रोल संस्करण के तेरा ही होने वाली है।
नितिन गडकरी जी ने क्या कहा ?
फ्लेक्स फ्यूल कार का प्रयोग भारतीय बाजार में करने के लिए देश के केंद्रीय परिवहन मंत्री, श्री नितिन गडकरी जी ने भी इस तकनीकी को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने इस मौके पर मंच में फ्लेक्स फ्यूल इंजन का प्रयोग करने के लिए लोगों को जोड़ दिया है। और इसके साथ ही हम आत्मनिर्भर भारत की ओर और तेजी से आगे बढ़ सकेगा। हमें महंगे पेट्रोल विदेश से आयात करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस तकनीकी के माध्यम से पेट्रोल करें 20% से 85% एथेनॉल के बीच चल सकेगी। इस पर मारुति सुजुकी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है, कंपनी का कहना है कि हमारे पास पूरी तरह से यह तकनीकी यह तैयार है, हमें बुनियादी ढांचे की जरूरत है।
फ्लेक्स फ्यूल ईंधन क्या होता है ?
फ्लेक्स फ्यूल इंजन पेट्रोल अरे मेथेनॉल या एथेनॉल के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है, फ्लेक्स फ्यूल ईंधन से चलने वाले वाहन के इंजन एक से अधिक प्रकार के ईंधन पर चलने के लिए डिजाइन किए जाते हैं, इंजन और फ्यूल सिस्टम में कई बदलाव किए जाते हैं जिस कारण से यह नॉर्मल पेट्रोल मॉडल के समान ही प्रतीत होता है। फ्लेक्स फ्यूल का निर्माण गाने और मक्के से किया जाता है, जिस कारण से इस अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जा सकता है।
इसकी निर्माण प्रक्रिया में स्टार्च और शुगर फर्मेंटेशन किया जाता है, इसके अलावा सामान्य पेट्रोल के मुकाबले एथेनॉल वाले इंजन काफी ज्यादा किफायती भी होते हैं। जहां भारतीय बाजार में पेट्रोल की कीमत ₹100 के आसपास है वहीं पर इथेनॉल की कीमत 60 से 70 रुपए के बीच होने वाला है। और इसके अलावा यह हमारे किसानों के लिए भी एक वरदान साबित होने वाला है। हमारे देश के किसानों की स्थिति में भी सुधार आएगा और हमारी अर्थव्यवस्था में भी और ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलने वाली है।
भारत में फ्लेक्स फ्यूल का भविष्य ?
हालांकि भारतीय बाजार में फ्लेक्स फ्यूल आने में भी समय है। लेकिन इस तकनीकी पर जोर शोर से काम किया जा रहा है। आने वाले समय में भारतीय बाजार में हमें कई कार्य फ्लेक्स फ्यूल तकनीकी का प्रयोग करते हुए देखने वाली है। कुछ समय पहले टोयोटा इनोवा हाई क्रॉस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्लेक्स फ्यूल तकनीकी के साथ देखा गया है।
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