कामिका एकादशी व्रत पवित्र सावन मास के शुरू से ग्यारहवे दिन रखा जाता है। यह विशेष रूप से विष्णु भगवान जी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है।
कामिका एकादशी व्रत
Kamika Ekadashi Vrat: सावन महीने के शुरू से ग्यारहवे दिन कामिका एकादशी होती है। सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। यह एकादशी व्रत करने से भगवान भोलेनाथ और विष्णु जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
कामिका एकादशी व्रत कब है
इस बार कामिका एकादशी का व्रत 13 जुलाई, गुरुवार के दिन है। कामिका एकादशी को सावन कृष्ण पक्ष की एकादशी कहा जाता है। चातुर्मास में भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निंद्रा में चले जाते हैं। इसलिए भक्त भगवान विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए एकादशी का व्रत करते हैं।
कामिका एकादशी महत्व
कहा जाता है कि कामिका एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान शंकर और विष्णु जी की कृपा विशेष बनी रहती है भक्तों के ऊपर। व्रत का महत्व अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य देने वाला माना गया है जो मोक्ष के द्वार खुलता है। एकादशी का व्रत रखने से भक्तों को बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है वह मोक्ष की प्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं।
कामिका एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
कामिका एकादशी तिथि का प्रारंभ | 12 जुलाई 5:59PM |
कामिका एकादशी तिथि का समापन | 13 जुलाई 6:24 PM |
कामिका एकादशी 2023 पारण समय | 14 जुलाई 5:33-8:18 AM |
कामिका एकादशी पर जपें ये मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ओम नमो नारायणाय नमः
श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि
श्री कृष्णा वासुदेवाय नमः
कामिका एकादशी कब है?
कामिका एकादशी 13 जुलाई, गुरुवार के दिन है।
कामिका एकादशी का महत्व क्या है?
कामिका एकादशी का महत्व यह की चातुर्मास में भगवान विष्णु जी योग निंद्रा मै चले जाते है, इसलिए विष्णु जी प्रसन्न करने के लिए भक्त सावन मास की कामिका एकादशी के दिन व्रत रखते है।