Gold’s shine faded: हर घर में सोने का नाम आते ही आंखों में एक खास चमक आ जाती है। ये सिर्फ़ एक धातु नहीं, बल्कि भारतीय परिवारों के लिए सुरक्षा, सम्मान और विरासत का प्रतीक है। लेकिन जब इसी सोने की कीमतें रोज़ाना बदलती हैं, तो भावनाएं भी झूलने लगती हैं कभी उम्मीदों के पंख लगते हैं, तो कभी बेचैनी बढ़ जाती है। आज फिर सोने की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है, क्योंकि इसकी कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है।
कीमतों में बड़ी गिरावट से हिला बाजार
बीते कुछ हफ्तों से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी था, लेकिन अब अचानक इसमें जो गिरावट आई है, उसने निवेशकों को चौंका दिया है। 22 अप्रैल को जहां 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का रेट एमसीएक्स (MCX) पर 99,358 रुपये तक पहुंच गया था, वहीं 20 मई को यह घटकर 92,810 रुपये पर आ गया। यानी सिर्फ एक महीने में सोना करीब 6548 रुपये सस्ता हो गया।
यह गिरावट उन ग्राहकों के लिए राहत है जो लंबे समय से खरीद का सही मौका तलाश रहे थे। लेकिन दूसरी ओर, जिन निवेशकों ने ऊंचे रेट पर सोना खरीदा था, उनके लिए यह स्थिति चिंता की वजह बन गई है।
जनवरी से अप्रैल तक सोने की रफ्तार रही तेज़
साल 2025 की शुरुआत में ही सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। 1 जनवरी को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये थी, जो अप्रैल के अंत तक एक लाख रुपये के पार पहुंच गई थी। इस उछाल ने निवेशकों को अच्छा मुनाफ़ा दिया और बाज़ार में उत्साह का माहौल बन गया।
लेकिन अब क्यों गिर रहा है सोना
सोने की इस गिरावट की वजह सिर्फ देशी बाज़ार में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भी छुपी है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होती जा रही हैं, जिससे सोने की डिमांड में ठहराव आ गया है। इसके साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती और महंगाई के स्थिर आंकड़े भी सोने की चमक को फीका कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल अमेरिकी पॉलिसी में जो अनिश्चितता बनी हुई है, वह निवेशकों को सोने की ओर से दूर कर रही है। यही वजह है कि इंटरनेशनल मार्केट में भी पिछले सप्ताह गोल्ड की कीमतों में 6 महीने की सबसे तेज़ गिरावट देखी गई।
निवेशकों की चिंता और ग्राहकों की मुस्कान
आज जब एमसीएक्स पर सोने की कीमतें गिरकर 93,040 रुपये के आस-पास चल रही हैं, तो उन ग्राहकों की आंखों में चमक लौट आई है जो शादी या त्योहारी सीज़न के लिए गोल्ड खरीदने की सोच रहे थे। लेकिन निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ देखी जा सकती हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह गिरावट स्थायी है या बस एक अस्थायी झटका? क्या आने वाले दिनों में फिर से सोने में उछाल आएगा? ये वो सवाल हैं जिनका जवाब बाज़ार की दिशा ही तय करेगी।
क्या एक बार फिर बढ़ेंगे दाम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर वैश्विक परिस्थितियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आता, तो निकट भविष्य में सोने की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना कम है। हालांकि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अवसर बन सकती है। शादी-ब्याह के सीजन में आमतौर पर मांग बढ़ती है, जिससे दाम धीरे-धीरे फिर चढ़ सकते हैं।
सोना हमेशा से भारतीय घरों के दिल के करीब रहा है। उसकी चमक जितनी बाहर दिखती है, उतनी ही भावनात्मक उसकी अहमियत होती है। चाहे कीमतें बढ़ें या गिरें, सोना हर परिस्थिति में एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। ऐसे में बाजार की चाल पर नज़र रखकर ही कोई भी फैसला लेना समझदारी होगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश, खरीद या बिक्री का सुझाव नहीं है। कृपया किसी भी आर्थिक निर्णय से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श ज़रूर लें।
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